तुम मुझको कब तक रोकोगे कविता | Tum mujhko kab tak rokoge poem

तुम मुझको कब तक रोकोगे कविता



मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं ।
दिल में है अरमान यही, कुछ कर जाएं… कुछ कर जाएं… ।
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे..
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे…
अपनी हद रौशन करने से,
तुम मुझको कब तक रोकोगे…
तुम मुझको कब तक रोकोगे… । ।

मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है…
बंजर माटी में पलकर मैंने…मृत्यु से जीवन खींचा है… ।
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ… शीशे से कब तक तोड़ोगे..
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ ..शीशे से कब तक तोड़ोगे..
मिटने वाला मैं नाम नहीं…
तुम मुझको कब तक रोकोगे…
तुम मुझको कब तक रोकोगे…।।

इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है ….
तानों के भी शोर में रहकर सच कहने की आदत है ।।
मैं सागर से भी गहरा हूँ…तुम कितने कंकड़ फेंकोगे..
मैं सागर से भी गहरा हूँ…तुम कितने कंकड़ फेंकोगे..
चुन-चुन कर आगे बढूँगा मैं…
तुम मुझको कब तक रोकोगे…
तुम मुझको कब तक रोकोगे..।।

झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..
अपने ही हाथों रचा स्वयं.. तुमसे मिटने का खौफ़ नहीं…
तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…
तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…
तब तपकर सोना बनूंगा मैं…
तुम मुझको कब तक रोकोगे…
तुम मुझको कब तक रोक़ोगे…।।
— विकास बंसल

Tum Mujhko Kab Tak Rokoge Lyrics By Amitabh Bachchan


यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो कृपया hindisaahityas@gmail.com पर सूचना दें

तुम मुझको कब तक रोकोगे कविता



एक टिप्पणी भेजें

9 टिप्पणियाँ

  1. भारत देश के महान साहित्यकार श्री आर.डी. तैलंग जी को बहुत-बहुत धन्यवाद, अभिनन्दन।जिन्होंने इस कविता को अपने शब्दों में पिरोया।

    जवाब देंहटाएं
  2. एक पल के लिए शांत हो गया! लाजवाब!

    slavkushsharma.blogspot.com

    इस साइट पर मैं भी कविता लिखता हूं!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब। ज़बरदस्त प्रेरणा देती कविता।

    जवाब देंहटाएं
  4. किसने लिखी ये कविता

    जवाब देंहटाएं